खाना कितनी बार खाना चाहिए

यदि आप स्वस्थ हैं, तो दिन में 3 भोजन करें। यह एक संतुलित जीवनशैली भाग होता है जहां आप 14-16 घंटे रुक-रुक कर उपवास के साथ सूर्यास्त से पहले हल्का नाश्ता, दोपहर में पर पेट भोजन और रात में हल्का डिनर खा सकते हैं।

खाना कितनी बार खाना चाहिए

दिन में खाने की संख्या पर नैतिक सिद्धांत है कि आपको प्रतिदिन के दौरान कम से कम तीन बार खाना खाना चाहिए। पहली बार की बेहद सुबह खाने के लिए, दूसरी बार की दोपहर खाने के लिए और तीसरी बार की सांझ या शाम खाने के लिए। इससे आपको पर्याप्त पोषण मिलता है और आप खाने के बीच की भूख को भी पूर्ण कर सकते हैं।

साथ ही, खाने के समय आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि आप पर्याप्त मात्रा में पोषण से भरपूर खा रहे हैं। सही पोषण सम्बन्धी सामग्री, जैसे कि प्रोटीन, कैल्शियम, फैट, वसा, विटामिन और मीनरल से भरपूर खाने से आपकी शररी स्वस्थ रहती है। साथ ही, कम तेल और सुगन्ध के साथ खाने से आपके स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।

साथ ही, आपको दिन में कम से कम 8-10 क्लास पानी पीने की आवश्यकता होती है। पानी को पीने से शरीर को स्वच्छता मिलती है, समस्याओं से बचाती है, स्वस्थ करती है।

समय पर खाने से आपको अधिक समय मिलता है अपनी स्वस्थ रहने के लिए कुछ करने के लिए, जैसे कि व्यायाम करने के लिए, सुनने के लिए, पढ़ने के लिए, समय के साथ साथ आपके शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है।

समय पर खाने और स्वस्थ खाने के साथ ही, आपको स्वस्थ रहने के लिए अपने शरीर को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है। आपको कम से कम 7-8 घंटे सुन्दर नींद लेनी चाहिए, अपनी शारीरिक और मानसिक स्वस्थता को बनाए रखने के लिए।

समय पर खाने, स्वस्थ खाने, सुनने के साथ साथ स्वस्थ रहने की संख्या से समय पर खाने से आपके शरीर को पोषण मिलता है, स्वस्थ रहता है, आपके मस्तिष्क को बचाता है, आपको स्वस्थ रहने के लिए समय देता है।

खाना कितनी बार खाना चाहिए

आयुर्वेद के अनुसार – जब भूख लगे तो खाना चाहिये और पेट भरने से पहले खाना बंद कर दे। इसके अनुसार योगी बनने के लिए दिन में एक बार, मानव बनने के लिए दिन में दो बार, रोगी बनने के लिए दिन में तीन बार और मृत्यु के लिए दिन में चार बार खाना चाहिए

खाना कितनी बार खाना चाहिए

भोजन पकने के 48 मिनट के अन्दर उसका उपभोग हो जाना चाहिए । इसके बाद भोजन की पोषकता कम होने लगती है । 24 घण्टे के बाद भोजन बासी हो जाता है ।

भारत के अलावा , दुनिया के किसी भी देश को रोटी बनानी नहीं आती है । पूरी दुनियाँ में भारत में ही गरम रोटी मिलनी सम्भव है । बाकी किसी भी देश में गरम रोटी खाने को नहीं मिलती है । बासी भोजन जानवरों के खिलाने के लिए भी नहीं होता है ।

खाना खाते समय खाने को इतना चबायें कि जितने दाँत हों । ऐसा करने से मुँह की लार ज्यादा से ज्यादा पेट में जाती है और खाने को पचाने में मदद करती ।

पानी को खाओ और खाने को पियो । चबा – चबाकर खाने से मोटापा नहीं बढ़ता है ।

भारत की जलवायु में 365 दिनों में सिर्फ एक दिन ही आप बासी भोजन खा सकते हैं और वो दिन है बासोड़ा का ( एक त्यौहार ) इस दिन शरीर की वात , पित्त और कफ की स्थिति के हिसाब से बासी भोजन ही अच्छा होता है ।

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