हमें सुबह 5:00 बजे उठना चाहिए और हमें टहलने के लिए जाना चाहिए और हमें योग व्यायाम करना चाहिए
सुबह सूर्योदय से पूर्व उठ जाना चाहिए क्योंकि उस समय वातावरण हर तरह से सकारात्मक होता है। सकारात्मक तरंगे वातावरण में व्याप्त होती हैं। उस समय उठने वाला अपने जीवन में निराश नहीं हो सकता। उसे तनाव नहीं हो सकता, अगर होगा भी तो वह उसे झेलने की शक्ति रखता है।

उस समय उठने वाला इंसान प्राय: स्वस्थ रहता है और अपने परिवार को भी पॉजिटिव रखता है तथा उसके परिवार में आगे बढ़ने की सोच आती है और घर में प्राय बीमारी नहीं होती तथा सुख समृद्धि व्याप्त रहती है क्योंकि नकारात्मकता कम होती है इस कारण मेहनत से डरते नहीं हैं ऐसे लोग।
सुबह उठकर व्यायाम करना चाहिए चाहे आप घूम कर आए, चाहे कोई कसरत करें , ध्यान करें , पूजा पाठ करें । सुबह का समय आपको कुछ अच्छा ही करने को प्रेरित करता है, यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है।
मैं छात्र जीवन से ही ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाया करता था । मैं सुबह लगभग 4 बजे उठा करता था और फ्रेश होकर पहले गीता पठन करता फिर तांबे के बर्तन में रखा जल पीता। उसके बाद योगासन करने बाहर खुली जगह में निकल जाता । कभी-कभी कसरत करता जैसे दंड एवं बैठक। उस समय में उत्साह और जोश से भरा रहता था और यह मेरे कार्यों में भी झलकता था।
मैं अनपढ़ और गरीब बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला करवा दिया करता, फ्री ट्यूशन पढ़ा देता या लोगों को अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करता, योग ध्यान व्यायाम करने की प्रेरणा देता, 25 वर्ष तक ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य होता है इस बात के लिए प्रेरित करता , अच्छी सोच अपनाने के लिए लोगों को साथियों को बोलता। इस प्रकार यह सब सकारात्मक सोच मेरे सुबह उठने के कारण थी।
मेरे साथी मुझसे बहुत प्रभावित थे और छात्रावस्था में भी मेरी बात को बहुत महत्व देते थे। मेरा स्वास्थ्य बहुत ही आदर्श था। इस प्रकार सुबह उठने के बेहद लाभ मैंने देखे हैं और आज भी सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाता हूं। कभी देर भी हो जाती है तो लगता है बहुत कुछ खो दिया।
सुबह कितने बजे व्यायाम करना चाहिए
योग के लिए समय का कोई खास बंधन नही होता है।
बस आपकी शारीरिक और थोड़ी मानसिक स्थति का ध्यान रखें तो भी ठीक है।अर्थात हलकीभूख या खाली पेट की स्थति और शांत मन एक अच्छी स्थति होती है योग की सभी विधा के लिए।