सेब खाने का सही समय
सेब के छिलके पेक्टिन जैसे डाइटरी फाइबर में समृद्ध हैं। इसलिए सुबह के भोजन के बाद एक सेब खाने से आपको मल त्यागने में आसानी होती है। तो अगर आप अनियमित मल त्याग या कब्ज से पीड़ित हैं, तो सुबह में एक सेब खाने से बड़ी मदद हो सकती है।

इसके अलावा, पेक्टिन लैक्टिक एसिड की रक्षा कर, लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया के पेट में अच्छी तरह से विकसित होने में मदद करते हैं। बढ़ा हुआ लैक्टिक एसिड कब्ज के उपचार और रोकथाम में कार्य करता है और कार्सिनोजन खत्म करने में मदद करता है।
पेक्टिन खुद भी कार्सिनोजन और भारी धातुओं को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही सेब में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला आर्गेनिक एसिड पेट में फायदेमंद बैक्टीरिया की वृद्धि कर पाचन में भी मदद करते हैं। लेकिन जब सेब शाम को खाया जाता है, वही पेक्टिन जो मल त्यागने में मदद करता है,
सेब कब खाना चाहिए
वास्तव में आंतों के पाचन कार्य को कम करता है। जिससे आपको में पेट में गैस भरे होने का अनुभव होता है। ऐसे में सोने के समय आप कई बार शौचालय जाएंगे और सुबह उठकर भी ताजा महसूस नहीं कऱ पाएंगे। इसके अलावा, सेब के अंदर आर्गेनिक एसिड आपके पेट में एसिड को आरामदायक स्तर से ज्यादा बढ़ा सकते हैं। इन सभी साइड इफेक्ट्स के साथ, रात के खाने के बाद या रात के समय सेब खाने की सलाह नहीं दी जाती। लेकिन आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है।
अगर आपका पाचन सामान्य रूप से कार्य करता है और आपका पेट स्वस्थ है, तो आप दिन भर में किसी भी समय सेब खा सकते हैं। आपको यह भी पता होना चाहिए कि सेब हमेशा छिलकों के साथ खाना अच्छा होता है क्योंकि सेब के छिलके और उसके अंतर्निहित गूदे के अंदर ही फाइबर सहित विभिन्न पोषक तत्व, विटामिन सी आदि होते हैं।